ज़कात के अहकाम (नियम) – Zakat Ke Ahkam
ज़कात इस्लाम का एक अहम रुक्न (स्तंभ) है। यह हर मुसलमान के लिए फर्ज़ है जो निसाब का मालिक हो।
📌 ज़कात किन पर फर्ज़ है?
मुसलमान हो
बालिग़ हो
आक़िल हो
निसाब का मालिक हो
एक साल गुज़र चुका हो
📌 निसाब (Nisab) क्या है?
87.48 ग्राम सोना
612.36 ग्राम चाँदी
📌 ज़कात किन चीजों पर वाजिब है?
सोना और चाँदी
कैश और बैंक बैलेंस
शेयर मार्केट और बिज़नेस इन्वेस्टमेंट
रेंटल इनकम से होने वाली बचत
📌 ज़कात किन चीजों पर नहीं है?
रहने का घर
पहनने के कपड़े
ज़रूरी सामान (जैसे मोबाइल, लैपटॉप, वाहन)
📌 ज़कात की दर
ज़कात की दर 2.5% (हर 100 में 2.5 रुपये) होती है।
📌 ज़कात किसे दी जा सकती है?
ग़रीब
मिस्कीन
करज़दार
मुसाफ़िर
📌 ज़कात अदा करने के फायदे
माल पाक होता है
ग़रीबों की मदद होती है
अल्लाह की रहमत मिलती है
ज़कात हर उस मुसलमान पर फर्ज़ है जो निसाब का मालिक हो। इसे सही समय पर और सही लोगों को देना बहुत ज़रूरी है।
💖 अल्लाह हमारी ज़कात और सदक़ात को क़ुबूल फरमाए, आमीन! 🤲