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"And among His signs is this, that He created for you mates from among yourselves, that you may dwell in tranquility with them, and He has put love and mercy between your hearts. Verily, in that are signs for those who reflect." (Surah Ar-Rum 30:21)                                                                    ...और उसकी निशानियों में से यह है कि उसने तुम्हारे लिए तुम्हारे ही बीच से जोड़े पैदा किये। ताकि तुम उनके साथ चैन से रहो, और उस ने तुम्हारे दिलों में मुहब्बत और रहम पैदा की है। यक़ीनन, इसमें उन लोगों के लिए निशानियाँ हैं जो गौर ओ फिक्र करते हैं।" (सूरह अर-रम 30:21)                                                                    “The Messenger of Allah said: ‘O young men, whoever among you can afford it, let him get married, for it is more effective in lowering the gaze and guarding chastity, and whoever cannot then he should fast, for it will be a restraint (wija’) for him.'” [Sunan an-Nasa’I, 3209]                                                                    अल्लाह के नबी ने कहा: 'नौजवानों, तुम में से जो भी इसे कर सकता है, उसे शादी करने दो,' क्योंकि यह नज़र नीची करने और पाकीज़गी की हिफाज़त करने में अधिक मुतासीर है, और जो कोई ऐसा न कर सके, उसे रोजा रखना चाहिए। क्योंकि यह उसके लिए सब्र होगा। '' [सुनान अन-नासाई, 3209]




ज़कात के अहकाम (नियम) – Zakat Ke Ahkam

ज़कात इस्लाम का एक अहम रुक्न (स्तंभ) है। यह हर मुसलमान के लिए फर्ज़ है जो निसाब का मालिक हो।


📌 ज़कात किन पर फर्ज़ है?

  • मुसलमान हो
  • बालिग़ हो
  • आक़िल हो
  • निसाब का मालिक हो
  • एक साल गुज़र चुका हो

  • 📌 निसाब (Nisab) क्या है?

  • 87.48 ग्राम सोना
  • 612.36 ग्राम चाँदी

  • 📌 ज़कात किन चीजों पर वाजिब है?

  • सोना और चाँदी
  • कैश और बैंक बैलेंस
  • शेयर मार्केट और बिज़नेस इन्वेस्टमेंट
  • रेंटल इनकम से होने वाली बचत

  • 📌 ज़कात किन चीजों पर नहीं है?

  • रहने का घर
  • पहनने के कपड़े
  • ज़रूरी सामान (जैसे मोबाइल, लैपटॉप, वाहन)

  • 📌 ज़कात की दर

  • ज़कात की दर 2.5% (हर 100 में 2.5 रुपये) होती है।

  • 📌 ज़कात किसे दी जा सकती है?

  • ग़रीब
  • मिस्कीन
  • करज़दार
  • मुसाफ़िर

  • 📌 ज़कात अदा करने के फायदे

  • माल पाक होता है
  • ग़रीबों की मदद होती है
  • अल्लाह की रहमत मिलती है

  • ज़कात हर उस मुसलमान पर फर्ज़ है जो निसाब का मालिक हो। इसे सही समय पर और सही लोगों को देना बहुत ज़रूरी है।

    💖 अल्लाह हमारी ज़कात और सदक़ात को क़ुबूल फरमाए, आमीन! 🤲